Ghoomer Movie Review in Hindi

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बॉलीवुड में बहुत सी ऐसी मूवीज़ आती है जो तुम्हें एंटरटेन जरूर करती है। बट इन्स्पाइरिंग मूवीज़ बहुत कम आती है। बट ये मूवी आपको इंटरटेनमेन्ट के साथ साथ इतना भर भर के इन्स्पाइअर्ड करेगी कि आपको खुद को लगने लगेगा की वो टाइम डूइंग हिअर चल यार उठ कर कुछ ऐसा जिसे दुनिया तुमको देख के सोचने पर मजबूर हो जाये के जिसे हम कुछ भी नहीं सोचते समझते थे आज वो क्या से क्या बन गया?

घूमर नाम से एक मूवी आई है। थिएटर्स में वैन दिनों के इस मूवी के लिए ज्यादा हाइप नहीं है। क्योंकि मार्केट में फिलहाल गदर और उमा गॉड टू के चर्चे ज्यादा है लेकिन एक अलग हटके टॉपिक को लेकर इस मूवी ने कदम जोड़ रखा है।

आई ऐम शुर की माउथ पब्लिसिटी से ये मूवी बहुत आगे बढ़ने वाली है। अगर आपको इमोशन सैंड इनस्पिरेशन से भरा हुआ स्पोर्ट्स ड्रामा पसंद है तो ये मूवी बस आपके लिए ही डिजाइन की गई है। स्टोरी हैं एक ऐसी लड़की की जो क्रिकेट अर बनना चाहती हैं क्रिकेटर्स में भी बेटर बनना चाहती है।

उसका इंडियन क्रिकेट टीम में सेलेक्शन भी हो चूका है। बट अनफारचुनेटली उसका ऐक्सिडेंट हो जाता है, जिसमें वो अपना राइट हैंड खो देती है एंड उसके बाद उसके लाइफ से ही क्रिकेट खेलने का स्पार्क होता है वो खत्म हो जाता है। जिंदगी जीने की हाइट भी खत्म हो जाती है।

Ghoomer Movie Review

बट एंट्री होती है अभिषेक बच्चन की जिनका कैरेक्टर एक खडूस बेवड़ा और एक्स क्रिकेट अर्का है एंड वो उस लड़की के लिए होप्स के नए दरवाजे खोल देता है। लेकिन कैसे वो आपको फ़िल्म में देखने को मिलेगा? लेकिन अभिषेक ऐसा कोच जीस तरीके से उस लड़की को ट्रेन करता है।

अगर आपने जैकी चेन वाली वो कराटे किड मूवी देखी है तो आपको उस फ़िल्म की याद जरूर आने वाली हैं। वहाँ जैकी चैन भी कराटे से हटकर किसी और ही तरीके से उस बच्चे को ट्रेन कर रहे थे।

यहाँ भी अभिषेक स्पोर्ट से हटकर अजीब तरीके का इस्तेमाल करते हैं। उस लड़की को बॉलिंग के लिए ट्रेन करने के लिए इस फ़िल्म के डायलॉग्स काफी दीप है। बहुत से डाइलॉग से सटायर के साथ साथ थोड़ा ह्यूमर टच भी दिया गया है, जिससे फ़िल्म में एंटरटेनमेंट वैल्यू बना रहे लेकिन वो ह्यूमर इतना डीप होता है के स्पेशल ली अभिषेक बच्चन के हर एक डायलॉग के साथ जिंदगी के इम्पोर्टेन्स को भी लोगों के सामने रखा जाता है।

लोगों को समझाया जाता है कि आपकी बॉडी या आपके बॉडी का हर एक पार्ट बहुत इम्पोर्टेन्ट है फिर चाहे वो एक हाथ हो, एक पैर हो या एक आंख, उसे खो देने के बाद भी जिंदगी खत्म नहीं होती। उसे नए सिरे से जिया जा सकता है। जिंदगी को फिर भी आगे बढ़ाया जा सकता है।

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जैसा कि मैंने कहा कि फ़िल्म के डायलॉग्स बहुत दी। पैन मिनिन्ग्फुल है, लाइक ज़िंदगी जब मुँह पे दरवाजा बंद करती है तो उसे खोलना नहीं तोड़ना पड़ता है और एक और डाइलॉग है। जो अभिषेक बच्चन इको फ्रेंडली अंतिम संस्कार के लिए बोलते हैं, उसे सुनने में आपको मज़ा जरूर आएगा। फ़िल्म में जीतने भी गाने है। उसके साथ स्टोरी चलती रहती है तो गानों से कोई दिक्कत नहीं होती।

एक्टिंग के मामले में कहूंगा। ये अभिषेक बच्चन की वन ऑफ द बेस्ट परफॉर्मेन्स है और जो लीड एक्ट्रेस हैं उन्होंने भी इस फ़िल्म इंडस्ट्री के किसी टॉप ऐक्टर्स से कम परफॉरमेंस नहीं दी है। शेवर पर्फेक्ट इन हर रोल ओवर ऑल ये एक मस्ट वॉच फैमिली एंटरटेनर मूवी है। बस डर ये है की कही गदर टू की हाउसफुल चलती रेस में ये मूवी कहीं पीछे न छूट जाए। मैं दूंगा। इस मूवी को फ़ोर आउट ऑफ फाइव स्टार्स मिलते है।

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