गदर एक प्रेम कथा ये मूवी आई थी 2001 में यानी आज से ठीक 22 साल पहले और उस टाइम पर गदर वन सबके दिलों पर छा गई थी और आज 22 साल बाद जब इस फ़िल्म का सीक्वल आया है तो ना तो उसमें आज के जमाने की स्टोरी है ना ऐसा लगता है कि ज्यादा दिमाग लगाके स्टोरी लिखी भी गई होंगी, क्योंकि स्टोरी ऑलमोस्ट री सिंबल करती है।
गदर वन से बहुत से ऐक्टर्स ने ओवर एक्टिंग भी की है और कुछ डायलॉगस भी काफी क्रेज है, लेकिन फिर भी फिर भी लोग इस मूवी को देखने जा रहे हैं।
थियेटर्स हाउसफुल है और आज भी सनी पाजी के हर डाइलॉग में थिएटर में सीटी या तालियां बज रही है। आखिर ऐसी क्या बात है इस मूवी में और मेकर्स ने कैसे आप सबको गदर टू देखने पर मजबूर कर दिया है?
आइये थोड़ा डिटेल में बात करते हैं । फ़िल्म का सबसे बड़ा सेलिंग पॉइंट है इस फ़िल्म का नो स्थल जी मदर वन जब आई थी तो वो मेरी पहली फ़िल्म थी जिसे मैंने फर्स्ट टाइम एवर किसी थिएटर में देखा था और उस टाइम में मैंने उस मूवी को बहुत ज्यादा एन्जॉय किया था और सिर्फ उस टाइम की क्या बात करे? आज भी अगर गदर वन कही लगी हो तो उस मूवी को देखने में मज़ा बहुत आता है।
उस फ़िल्म के कैरेक्टर्स काफी फेमस हुए थे। चाहे तारासिंह हो सकी, ना जीते, अशरफ अली वगैरह वगैरह, और उनमें से ऑलमोस्ट जो मेन मेन कैरक्टर्स है वो सारे वापस कास्ट किए गए हैं। गाने काफी फेमस हुए थे, जिनमें से दो गाने ऐस इट इस उठाकर इस फ़िल्म में डाल दिए गए ताकि ऑडीअन्स जो है वो सेकंड पार्ट के साथ कनेक्ट हो जाए।
‘गदर 2’ ने दी OMG2 को धोबी पछाड़
इंडिया पाकिस्तान का समय इंग्लिश में भी डाला गया और जीस तरह से 2001 में लोगों ने गदर वन को पूरी तरह अपने दिलों दिमाग में उतार लिया था। सम इमोशन को ध्यान में रखते हुए मेकर्स ने अपने फायदे की सूची आई। मीन उस टाइम लोगों ने जीस तरह से गदर वन को अपने सिर पर उठा लिया था कि सिर्फ 18 Cr. में बनी फ़िल्म ने 133 Cr. का लाइफटाइम कलेक्शन कंप्लीट कर लिया था और यह मैं 2001 की बात कर रहा हूँ।
जीस वक्त 100 Cr. पार कर जाना बहुत बड़ी बात मानी जाती तो चाहे आप इसे नॉस्टैल्जिया कहो या कैश ग्रैब कॉनसेप्ट मेकर्स तो खेल गए और आपके सामने एक बार फिर से गदर वन को ट्वीट करके वैसे ही एक स्टोरी रख दी ऐंड नॉस्टैल्जिया के चक्कर में जनता भी चली गयी। मूवी को थिएटर्स में देखने दूसरा पॉइंट है।
सनी पाजी गदर वन सबसे ज्यादा फेमस हुई थीं सनी पाजी के डाइअलॉग डिलीवरी के कारण उनका चिल्लाकर बात करना। पाकिस्तान के खिलाफ़ बोले हुए डाइअलॉग पर एक्स्ट्रा प्रेशर देकर डाइअलॉग डिलीवरी करना, हैण्डपम्प उखाड़कर लोगों में डर पैदा कर लेना।
ब उनकी बड़ी बड़ी आंखें देखकर लोग थर्रा जाते हैं। ऐसा उनका स्क्रीन प्रेज़ेंस है और तारा सिंह का कैरेक्टर तो गदर वन में फेमस हो ही गया था तो लोग सनी पाजी की दहाड़ सुनने के लिए भी थिएटर में गए थे और इवन ये देखने के लिए भी कि सनी पाजी इस बार हैंड पंप उखाड़ेंगे की नहीं,
अब सनी पाजी तीसरा पॉइंट हैं इंडिया पाकिस्तान का ऐंगल जो फर्स्ट मूवी में टोटली काम कर गया था तो मेकर्स ने सोचा व्हाई नॉट मास ऑडियंस को जो चाहिए हम वही देंगे तो उनका एन्टरटेनमेन्ट हो जाएगा और हमको पैसा मिल जाएगा।
हमको पैसे से मतलब है है की नहीं तो इस फ़िल्म में भी इंडिया पाकिस्तान के प्लॉट को यूज़ किया गया है। पहले बीवी पाकिस्तान में फंसी थी, अब बेटा पाकिस्तान में फंसा है और सनी पाजी दोनों फ़िल्म में लगे हुए हैं। अपनी बीवी बेटे को बचाकर वापस लाने में चौथा पॉइंट है।
Also Read:
पेट्रिऑटिज़्म देखो मूवी किसी भी टॉपिक पर बनी हो, उसमें थोड़ी बहुत देशभक्ति मिक्स कर दो तो मूवी का चलना तय समझो और ऊपर से सनी पाजी का डायलॉग का साथ हो तो सोने पे सुहागा जो पिछले मूवी में भी था।
इस मूवी में भी लास्ट में आपको देशभक्ति का एक तो मिल ही जाएगा और भर भर के ऐसे देशभक्ति वाले डायलॉग्स जो खून खौलाने के लिए काफी हैं तो इन सब पॉइंट को डायरेक्टर अनिल शर्मा ने लोगों के सामने लाया और पहले ही दिन में फ़िल्म ने 40 Cr. कमा भी लिए टोटल के दम पर और सैटरडे संडे तो बाकी है भाई और एक पूरा हफ्ता भी बाकी है।
तो जहाँ इस फ़िल्म का बजट सिर्फ 70-80Cr. का है, वहाँ अगर ये फ़िल्म पहले दिन 40 Cr. कमाएगी तो इसका लाइफटाइम कलेक्शन 400-500 Cr. तो आराम से ही हो जाएगा तो हेटर्स जो है जितना भी हेट दे दे, फैन्स के बीच में आओगे तो पीस जाओगे भाई साहब ये फ़िल्म पीपल्स फ़िल्म है जिन्हें ना क्रिटिक की जरूरत है ना रिव्यूअर्स की।
लोग अगर देखना चाहते हैं तो वो जैसे भी हो देखेंगे जरूर क्योंकि फ़िल्म अपनी जगह पर है और नॉस्टैल्जिया वाला इमोशन जो है ना वो अपनी जगह पे तो अब आप मुझे कमेंट में बताओ की गदर टू मूवी अगर आपने देखी है तो किस वजह से देखी है या देखने जा रहे हो?