Guns and Gulaabs नाम से नेटफ्लिक्स पर एक सिरीज़ आई है जो एक डार्क कॉमेडी गैंगस्टर ड्रामा है। इन राज and डी के स्टाइल, राज & डी के वही जिन्होंने फ़र्ज़ी & फैमिली मैन जैसे बेहतरीन सीरीज बनाई थी और इस बार उन्होंने लाया है हमारे सामने नाइनटीज के ईरा को और अगर आप नाइंटीज के किड्स हो तो पहले तो ये रिव्यु देखो फिर खुद ही डिसाइड कर लेना की ये वेबसिरीज़ आपके लिए है भी कि नहीं?
घनश्याम गुलाबजी सिरीज़ है सात एपिसोड की जहाँ हर एपिसोड ऑलमोस्ट 45-50 मिनट का है और लास्ट एपिसोड जो है वो है 80 मिनट का। यानी आपको ऑलमोस्ट 5.5 6 घंटे लगेंगे इस सिरीज़ को वॉच करके खत्म करने के लिए,
अब बिंज वाच करोगे की नहीं, वो आपकी मर्जी लेकिन सच बोलूं तो मुझे ये शोबिज वॉच करके भाई साहब मज़ा आ गया। स्पेशल ली इसका जो क्लाइमैक्स ऐपिसोड है, भले ही वो 80 मिनट के आसपास का हो, लेकिन इतने ट्विस्ट एंड टर्न्स है, उस अकेले एपिसोड में की आपका दिमाग हिल जाएगा।

Guns and Gulaabs Web Series Review
भाई साहब मैदात देता हूँ। राजा एन डी के किस स्टोरी टेलिंग प्रोसेसेस का के एक एक करके जीतने भी कैरेक्टर्स इसमें इंट्रोड्यूस किए गए हैं। वो सारे कैरक्टर्स आपको हमेशा याद रहेंगे। हर कैरेक्टर का डेवलपमेंट इतने अच्छे से सिंपलीफाइड वे में किया गया है कि नॉर्मल ऑडियंस भी आसानी से कनेक्ट हो जाए और जब कैरक्टर्स अच्छे से समझ में आने लगते हैं तो स्टोरी को समझना ज्यादा मुश्किल नहीं होता।
स्टोरी है गुलाबगंज और शेरपुर की और दोनों जगह पे है अलग अलग गैंग लीडर सैन देर गैंग जिनकी आपस में बनती नहीं है और इसी बीच मामला थोड़ा नारकोटिक्स का भी है तो स्टोरी को ज्यादा स्प्रौल नहीं करते हैं। पर ये जो स्टोरी है, उसमें आपको नाइन टीज़ का नॉस्टैल्जिया जरूर मिलेगा क्योंकि वो सिरा को दिखाने के लिए प्रोडक्शन में इन्होंने किसी भी चीज़ की कमी नहीं रखी है।
कैरक्टर्स के हेयर स्टाइल से लेकर उनके कपड़ों का स्टाइल, बैकग्राउंड में चलने वाला म्यूसिक पुराने टेप रिकॉर्डर वाले कैसेट्स पुराने जमाने के एसटीडी बूथ हो गया या इनबॉक्स हो गया पूरे सिरीज़ में यूज़ किये गए वेहिकल्स रेडियो पर चलती क्रिकेट की कॉमेन्ट्री वगेरा वगेरा इन छोटी छोटी बातों में जो ध्यान दिया गया है,
उससे इस सिरीज़ में वो नाइनटीज वाली जाना गई सिरीज़ के सारे ऐक्टर्स ने बहुत ही बढ़िया परफॉर्मेंस दी है ऐंड इस सिरीज़ की कास्टिंग में नाम भी वैसे काफी बड़े बड़े है।
दुलकर सलमान, राजकुमार राव, आदर्श गौरव, सतीश कौशिक, गुलशन देवैया ऐंड गुलशन देवैया भाई साहब ये बंदे ने जो एक कॉन्ट्रैक्ट किलर की एक्टिंग की है ना, माइन्ड ब्लोइंग उनका ऐसा होता और मैंने आज तक किसी फ़िल्म या सीरीज में नहीं देखा है।
बट मेरा जैन डीके से एक बात पूछना चाहता हूँ के यार, गुलशन देवैया के कैरेक्टर को ये फ्लैश वाली पावर्स देने का क्या मतलब था? क्योंकि जीस तरीके से आपने उनको भागते हुए बताया है वैसा किसी सुपर नैचरल फ़िल्म या सिरीज में ही दिखाया तो ठीक लगेगा, लेकिन इसमें तो ऐसा कुछ है नहीं तो क्यों?
बाकी सिरीज़ देखोगे तो आपको समझ में आ जाएगा सिरीज़ क्योंकि एक कॉमेडी गैंगस्टर जॉनर से बिलॉन्ग करती है तो इस सिरीज़ में अच्छे खासे डाइलॉग ज़ैन सिचुएशन ऐसे हैं जो सिरीअस सिचुएशन को भी कॉमेडी में तब्दील कर देते है। जस्ट लाइक अगर आपने डेल्ही बेली मूवी देखी है तो इसका ह्यूमर कुछ वैसा ही है।
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डार्क सटायर कॉमेडी विद गैंगस्टर ड्रामा इवन थोड़ा बहुत इस पूरे स्टोरी में आपको मिर्जापुर के कैरक्टर ऐंड उनके प्रेज़ेन्टेशन और स्टोरी लाइन की भी झलक देखने को मिल सकती है। मैं कंपेर नहीं कर रहा हूँ, बस ये बताने की कोशिश कर रहा हूँ के गन सैंड गुलाब आप को क्या दिखाना चाहती है?
वैसे सिरीज़ नेटफ्लिक्स पर होने के बावजूद इसमें कोई न्यूडिटी नहीं है। वो खास बात है। एक सिंपल सा किस तक नहीं है। बट अनफारचुनेटली गालियां और बिलो द बेल्ट वाले जो वर्ड्स होते हैं वो हर एक एपिसोड में किलो के भाव से मिल जाएंगे तो इसे गलियों के वजह से फैमिली के साथ देखना है कि नहीं देखना है वो आप खुद ही डिसाइड कर लो।
हाँ खून खराबा गंगु और लड़ाई, झगड़ा, हाथापाई ये बहुत ज्यादा है तो बच्चे इससे दूर रहे लेकिन दोस्तों के साथ अगर कोई सिरीज़ देखने का प्लैन कर रहे हो तो ये बेस्ट ऑप्शन है। आप के लिए सिरीज़ की स्टोरी
तो इस तरीके से लिखी गई है ऐंड एंड भी ऐसे होता है कि बेशक हम इसके सेकंड पार्ट का भी इंतज़ार कर सकते हैं तो ओवरऑल देखते हुए मैं दूंगा। इस पूरे सिरीज़ को 3.5 आउट ऑफ फाइव स्टार्स मिलते है।