
“Class Of 83” फिल्म 21 अगस्त 2020 को रिलीज हुवा। Class Of 83 फिल्म के डायरेक्टर अतुल सभरवाल है। अतुल सभरवाल एक हिंदी फिल्म के एक्टर है जो अभी हिंदी सिनेमा मे काम करते है। अतुल सभरवाल ने कई फिल्मो का निर्देशक किया है। ये फिल्म Class Of 83 नाम मु पुस्तक है उसपर पूरी फिल्म बनी है। इस फिल्म मे बॉबी देओल ने मुख्य भूमिका निभाई है।
बॉबी देओल एक हिंदी फिल्म एक्टर्स है और बॉबी देओल का असली नाम विजय सिंह देओल है बॉबी देओल का जन्म 27 जनवरी 1969 को हुआ था। बॉबी देओल जो फिल्म के बड़े एक्टर धर्मेंद्र है उसके छोटे बेटे है। बॉबी देओल के करियर की शरूआत बरसात नाम की फिल्म से हुई है।
जिसमे उन्होंने उम्दा अभिनय किया था और उसने उसके सभी फिल्म में उम्दा अभिनय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बॉबी देओल अपनी फिल्म में एक्टिंग के मामले में चर्चा में है लेकिन उसकी बॉडी और बॉडी फ़िटनेसके मामले में भी वो बहुत जयादा चर्चे में है।
बॉबी देओल को अपने अभिनय के लिए कितने सारे पुरस्कार भी मिले है। बॉबी देओल ने इस फिल्म के इलावा ‘गुप्त’, ‘अपना सपना मनी मनी’, ‘राम आउर श्याम’, और ‘यमला पगला दीवाना’ इन सारे फिल्म में भी काम किया है।बॉबी देओल की प्रेरणा दायक एक्टिंग और फिल्मी करियर ने उन्हें फैंस के दर्शकों के दिलों में जगह बनाई है और उसकी हालही में रिलीज हुई एनीमल फिल्म की वजहसे जयादा चर्चे में है
फिल्म Class Of 83 की कहानी को देखने से पहले कई वर्ष पहले यानि 1983 का एक किस्सा जो की हकीकत का का वो जानना जरुरी है ये वही साल है जिसमे महाराष्ट के एक ईमानदार पोलिस अरविन्द को सूबे की पुलिस के मुखिया पद से हटाकर नासिक की पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में भेज दिया गया था। उसको ट्रेनिंग में भेज दिया लेकिन उसको उसकी ईमानदारी के तोर पर इसको ट्रेनिंग पर भेजा।
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क्लास ऑफ़ 83 की कहानी अभिजीत देशपांडे कहानी है जो एक हरे हुवे इन्सान की कहानी है ये कहानी ऐसी बताई गयी है के ये सब लोग दुन्याकी नजरो में गिर गए है और उसके परिवार वालोकि नजर में भी गिर गए है और हरे हुवे लोग है लेकिन इस फिल्म में विजय सिंह अपने जीवन मूल्यों और ईमानदारी के हिसाब से अपनी जीत देखता है। ये अपनी नजरमे हीरो है उनको दूसरोकि परवाह नहीं और अचे लोग दुन्यकी नजर में हारे हुवे ही लगते है।
विजय सिंह यानि बॉबी देओल ट्रेनिंग में गए लेकिन विजय सिंह सातमे जो लोग थे वो ईमानदारीसे काम नहीं करते थे और विजय सिंह ईमानदार थे इस वजहसे विजय सिंह को ट्रेनिंग मैदान से भी हटा दिया। विजय सिंह को इस सबको को ठीक करने के लिए उसने साहसी युवा अधिकारियो एक समूह चुनता है और उस समूह को ट्रेनिंग देता है और काकुन को मोड़ने की योजना बनाता है जो भी ईमानदारीसे काम नहीं कर रहे है उनको सबक सिख्या और सिस्टम को ठीक किया।
Class Of 83 फिल्म बना ने में तक़रीबन 250 करोड़ का खर्चा हुवा लेकिन ये फीलम को भारत में रिलीज किया गया जितनी फिल्म से उम्मीद थी उतनी इनकम हुई नहीं लेकिन इस फिल्म की वजहसे तक़रीबन 80 करोड़ जितना नुकसान हुवा इस फिल्म को तक़रीबन 150 करोड़ से जयादा कमाय हुई। और ये देखके फिल्म इंडस्ट्री में जो थे उन सबको जतका लगा।
Class Of 83 में फ्लॉप हुई लेकिन इस फिल्म में दिखया गया है के कैसे ईमानदार लोगो को निकला जाता है और उसकी जगह ईमानदार नहीं होते उसको रखदेते है इसी तरह रियल लाइफ में भी ऐसा होता है की जहा ईमानदारी होती है वहा बेईमानी के लिए किसी को रख देते है।
और इसी तरह जैसे फिल्म में है के फिर कई लोग हमला करते है और कोय कुछ नहीं करपाता ऐसे ही होता है। हम सबको भी इस फिल्म की तरह ईमानदरी से अपना काम करना चाही ये और दुसरो को ईमानदारीसे काम करने की पेरणा देनी चाही ये।
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