तो बेसिकली गदर 2 हो चुकी है थिएटर में रिलीज, मैंने देखा सुबह सुबह 5.30 Am का शो और भाई साहब गदर 2 का क्रेज इतना है कि सुबह 5.30 am के शो के लिए भी लोगों की अच्छी खासी भीड़ थी। पर क्या गदर के सक्सेस को गदर 2 आगे लेकर जाएगी? आइये बात करते हैं।
ट्रेलर से जो भी अंदाजा हम लोगों ने लगाए थे की बेटा पाकिस्तान में है और बाप जाएगा और वहाँ जाकर गदर मचा कराएगा तो हाँ, कुछ कुछ ऐसा है पर पूरी तरह नहीं। मूवी देखोगे तो समझ में आजायेगा।
मूवी ऑलमोस्ट 3 घंटे की है, ऐंड पर्टिकुलरली अगर मैं सिर्फ फर्स्ट हाफ की बात करूँ तो जहाँ जहाँ सनी पाजी है, बस वही सीन या उन्हीं के डाइअलॉग्स ऐसे हैं जो स्क्रीन पर अच्छे लगते है।

Gadar 2 Movie Review
एक्चुअली ऐसा बार बार फील होता है की ये मूवी बनाई ही इसलिए गयी है की सनी पाजी का जो तारा सिंह का कैरेक्टर था वो नॉस्टैल्जिया रूप में आपके सामने फिर से रखा जा सके ऐंड आप लोग भी मूवी को तभी एन्जॉय करोगे जब जब तारासिंह या तो कोई डाइलॉग बोलेगा या ऐक्शन करेगा।
ऐंड माइंड इट डेढ़ घंटे के फर्स्ट हाफ में सनी पाजी 30-35 मिनट के लिए ही है। बाकी 40-50 मिनट में बहुत कुछ हो रहा है। तारा सिंह के बेटे को ज्यादा स्क्रीन टाइम मिला हैं। बट उनकी एक्टिंग और उनकी डायलॉग डिलिवरी पता नहीं क्यों कन्विन्सिंग नहीं लगती है।
आई मीन आई ऐम टॉकिंग अबाउट फर्स्ट हाफ ओनली के जीते का रोल जिन्होंने किया है उत्कर्ष शर्मा। उनकी एक्टिंग फर्स्ट हाफ में ऐसी लगे मानो वो मजाक मजाक में एक्टिंग कर रहे हो। बट सडनली सेकंड हाफ में जब वो थोड़ा सिरियस मोड पे चले जाते हैं, तब लगता है की हाँ बंदा एक्टिंग कर सकता है।
इसमें विलन बने हुए हैं मिस्टर मनीष वाधवा। उनका कैरेक्टर काफी गोविन्दसिंह है, बट सम टाइम थोड़ा ओवर पावर्ड ओवर ड्रामेटिक लगने लगता है। बट एनीहाउ बात जब मांस मसाला एंटरटेनर फ़िल्म की हो तो ऐसे ओवर पावर्ड एग्ज़ैम रेटेड कैरक्टर्स का होना कोई नई बात नहीं होती।
वन ऐक्शन सिक्वेंस भी ऐसे डाले जाते हैं जो फिज़िकली ऐंड प्रैक्टिकली पॉसिबल ही नहीं होते। लाइक, हैण्डपम्प उखाड़ देना वो फिज़िकली पॉसिबल नहीं है। प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं है, लेकिन होता जरूर है। हुआ था। लोगों ने एन्जॉय किया था, क्योंकि मांस मूवीज़ हैं तो ये सब चलता भी है।
बाकी मूवी के स्टार्टिंग में आपको गदर वन का रीकैप दिया जाता है ऐंड पूरे फ़िल्म के बीच बीच में भी गदर वन के भी डाले जाते हैं जिससे आप थ्रूआउट नॉस्टैल्जिया में रहो और मूवी के साथ कनेक्टेड भी।
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बात अगर म्यूसिक की करें तो गदर वन का म्यूसिक जैसे था वैसा इसका भी है। ऐक्चूअली दो तीन गाने तो पुराने ही है जिसे फ्रेश तरीके से प्रेज़ेंट किया गया है। फ़िल्म के लास्ट में धर्म और इंसानियत वाला मैसेज देने की भी कोशिश की जाती है, जिससे लोगों में इस फ़िल्म के टॉपिक को लेकर कोई मिस अंडरस्टैंडिंग ना रहे।
ओवरऑल ये एक फैमिली फ्रेंडली मूवी मैं बोल सकता हूँ। हालांकि इससे भी यूए सर्टिफिकेट मिला है। पैरेंटल गाईडेंस में ये मूवी देखी जा सकती है। पूरे परिवार के साथ बैठकर देखोगे तो भी कोई प्रॉब्लम नहीं होगी। मेरी तरफ से गदर टू को पांच में से तीन स्टार्स मिलते है।